यातायात सुविधा के लिए बनाया जाएगा एक और रपटा
एम हसीन
रुड़की। हरिद्वार मार्ग पर कमजोर हुए सोलानी पुल के स्थान पर बनने वाले दूसरे पुल की फाइल स्वीकृति हेतु केंद्र सरकार के पाले में पहुंच गई है। इधर जल्द से जल्द पुल निर्माण के लिए उठ रही मांग पर सरकार ने एक और रपटा बनाने का निर्णय किया है। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता विपुल कुमार सैनी ने इसकी तस्दीक की है।
गौरतलब है कि रुड़की को हरिद्वार से जोड़ने वाला सोलानी पुल कमज़ोर हो जाने के कारण भारी यातायात के लिए दो साल पहले बंद कर दिया गया था। चूंकि इस बंदीकरण की चपेट में बसें भी आई हैं, इसलिए दो साल से ही पुल के निर्माण की मांग उठ रही है। विधायक रुड़की प्रदीप बत्रा और विधायक कलियर हाजी फुरकान अहमद बार-बार इसकी मांग विधानसभा में उठा चुके हैं। उसके अलावा रुड़की महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी की अगुवाई में कांग्रेस भी यह मांग बार-बार सड़क पर उठा चुकी है, इसे लेकर धरना-प्रदर्शन और जलसे-जुलूस कर चुकी है, कर रही है। लेकिन अभी तक मांग, मांग ही बनी हुई है। पुल निर्माण को लेकर राज्य सरकार ने अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। पहले तो पुल का एस्टीमेट ही नहीं बन पा रहा था। फिर एस्टीमेट बना तो वह सचिवालय में धक्के खाता रहा। अगर विपुल कुमार सैनी की बात पर यकीन किया जाए तो एस्टीमेट को लेकर तकनीकी आपत्तियां आती रहीं, जिन्हें दुरुस्त किया जाता रहा। फिर एस्टीमेट परफेक्ट हुआ तो वित्त पर आकर मामला फंस गया। 36 करोड़ रुपए से अधिक का यह एस्टीमेट अब केंद्र सरकार के पास गया है। विपुल कुमार सैनी का कहना है कि जल्द ही पुल निर्माण की स्वीकृति मिल जाएगी और काम शुरू हो जाएगा।
इस बीच सामान्य प्रशासन पर यातायात बहाली का दबाव काम कर रहा है। हॉयर सेकेंडरी स्तर के कई स्कूल, जिनमें एक आर एस एस संचालित हॉयर सेकेंडरी स्कूल भी है, पुल के पार हरिद्वार मार्ग पड़ते हैं जिनमें रुड़की नगर के हजारों बच्चे पढ़ते हैं। इनकी बसों को रुड़की से बहुत दूर का चक्कर काट कर आना पड़ रहा है। इसके अलावा रुड़की-हरिद्वार व वाया रुड़की सहारनपुर-हरिद्वार तथा मुजफ्फरनगर-हरिद्वार चलने वाली बस सेवा को लंबे रूट डायवर्शन पर जाना पड़ रहा है। इससे यात्रा पर खर्च और समय दोनों ही ज्यादा लग रहे हैं। यही वह आवश्यकता है जिसे पूरी करने के लिए लोक निर्माण विभाग पिछले दो सालों में सोलानी नदी पर दो रपटे बना चुका है। इनमें एक निर्माण के चंद दिनों बाद ही वह गया था और दूसरा विवादों का शिकार बना था। विपुल सैनी मानते हैं कि पुल की स्वीकृति मिलने के बाद भी उसके निर्माण में समय लगेगा इसलिए रपटा-वे इसे रपटा नहीं बल्कि रास्ता कहते हैं-ही एकमात्र विकल्प है। कहने का मतलब यह है कि लोक निर्माण विभाग एक और रपटे के निर्माण के लिए कमर कस रहा है। इस बाबत विपुल सैनी ने “परम नागरिक” को बताया कि जो रपटा अब बनाया जाएगा, बरसात में उसका बह जाना लाजिमी होता है, इसलिए बेहद कम लागत का कच्चा रपटा बनाया जाएगा, जो अगले साल जून-जुलाई तक बसों के संचालन का जरिया बनेगा। वैसे उन्होंने यह भी कहा कि सोलानी पर जल्द से जल्द पुल का बनना भी निश्चित है।