गंभीर आई पी सी की धाराओं में दर्ज मुकद्दामों की रखा जाएगा अलग, गृह सचिव ने की पुष्टि

आर एन एस

देहरादून। कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान आपदा प्रबंधन अधिनियम व महामारी अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। शासन ने इसकी कार्यवाही शुरू कर दी है। गृह विभाग की ओर से इस संबंध में जिलों से जानकारी मांगी गई है। आठ जिलों ने इस अधिनियम में अपने यहां दर्ज मुकदमों की जानकारी साझा की है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में कोरोनाकाल के दौरान एपिडमिक डिजास्टर ऐक्ट 1897 में आईपीसी की धारा 188 के तहत करीब साढ़े चार हजार मुकदमे दर्ज किए गए थे। वर्ष 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में मुकदमे वापस लिए जाने का फैसला किया था। इसके बाद मुकदमे वापसी की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन शासन स्तर पर स्पष्ट आदेश जारी नहीं होने के बाद कई मुकदमे वापस नहीं हो पाए। तब करीब करीब 20 प्रतिशत मुकदमे ही वापस हो पाए थे। अब सीएम धामी के निर्देश पर मुकदमे वापसी की फिर से कवायद शुरू की गई है। गृह विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों से अपडेट मांगी थी। सूत्रों के अनुसार अभी तक आठ जिलों ने जानकारी शासन को उपलब्ध करा दी है। अपडेट की गई जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग में 244 – 244, हरिद्वार 942 – 167, उत्तरकाशी में 120 – 120, पौड़ी में 152 – 126, बागेश्वर में 197 – 148, चमोली में 60 – 57, अल्मोड़ा में 85 – 46 व चंपावत में 49 – 35 मामले दर्ज किए गए थे। देहरादून, टिहरी, पिथौरागढ़, नैनीताल व उधामसिंह नगर की जानकारी प्रशासन ने अभी अपडेट नहीं की है।

उपरोक्त संदर्भ में गृह सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि कोविड के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी की प्रक्रिया शासन स्तर पर गतिमान है। आठ जिलों से जानकारी प्राप्त हो चुकी है, शेष जिलों से भी शीघ्र अपडेट देने को कहा गया है। कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिनमें आईपीसी की गंभीर धाराएं भी जुड़ी हैं, ऐसे मामलों को इनसे अलग रखा गया है।