कुछ सार्थक सोचें माननीय तो हो नगर में ढांचागत सुविधाओं का विस्तार

एम हसीन

रुड़की। नगर विधायक प्रदीप बत्रा की पहल पर राज्य वित्त योजना के अंतर्गत हाल ही में नगर की कुछ सड़कों पर काम किया गया है। मसलन चंद्रपुरी में रिक्शा स्टैंड की ओर से नेहरू स्टेडियम की ओर सड़क के गड्ढे भरे गए हैं। इसी प्रकार दाएं नहर पटरी मार्ग पर गणेशपुर पुल से प्रदीप बत्रा के कार्यालय की ओर काम हुआ है। और भी कई स्थानों पर काम हुआ है। लेकिन इससे केवल इतना बदलाव आया है कि कुछ दिन के लिए गढ्ढामुक्त सड़क तैयार हो गई है। जनता को राहत मिलने की जमीन अभी तैयार नहीं हुई है। जाम का, भीड़ का कोई हल इससे नहीं निकल पाया है। ऐसा हालांकि प्रदीप बत्रा चाहें तो ऐसा हो सकता है। ऐसा हो सकता है कि नगर की सारी मुख्य सड़कें एक ही बार में न केवल पुनर्निर्मित हों बल्कि उनका विस्तार भी हो, उनका चौड़ीकरण भी हो, उनमें विभाजक पट्टी भी डले और सौंदर्यीकरण भी हो। लेकिन सवाल यह है कि क्या प्रदीप बत्रा ऐसा चाहेंगे? या फिर वे सड़कों का पैच वर्क कराकर ही 2027 की चुनावी वैतरणी को पार करना चाहेंगे।

बात को आगे बढ़ाने से पहले जान लें कि ऊपर जिन दो सड़कों का नाम लेकर उनपर काम किए जाने का उल्लेख किया गया है उनमें एक का मालिकाना हक नगर निगम का है जबकि दूसरी सिंचाई विभाग के स्वामित्व में हैं। उपरोक्त दोनों सड़कों समेत सारी सड़कों पर काम विधायक की संस्तुति पर राज्य वित्त योजना के तहत हुआ है और काम लोक निर्माण विभाग ने किया है। राज्य वित्त के अंतर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को 10 करोड़ रुपए की राशि मिलती है जिसे कि इस स्तर तक मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बढ़ाया है। लेकिन लोक निर्माण विभाग का अपना बजट भी होता है जो उसके अपने स्वामित्व वाले मार्गों के हिसाब से होता है। अगर रुड़की की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व वाली केवल चार सड़कें हैं। एक, अब्दुल कलाम चौक से कोर कॉलेज की ओर जाने वाली रुड़की-हरिद्वार मार्ग, दूसरी दिल्ली रोड से बिजौली को जोड़ने वाली मार्ग, तीसरी मिलिट्री चौक से सालियर को जाने वाली मार्ग और चौथी गणेशपुर पुल से रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क। बाकी सब सड़कें या नगर निगम की मिल्कियत हैं या फिर सिंचाई विभाग की। इनमें कई सड़कें खासी लंबी हैं।

मसलन, नगर के दोनों किनारे वाली सड़कें सिंचाई विभाग की हैं जबकि रेलवे स्टेशन से पुरानी सब्जी मंडी की ओर तथा आगे बाबा पूर्ण की समाधि तक जाने जाने वाली सड़क, गौशाला से चौक बाजार की ओर और आगे सत्ती मोहल्ला स्थित राम दरबार तक जाने वाली सड़क, सिविल लाइन की सभी सड़कें, सुल्तान चौक से ईदगाह की ओर जाने वाली सड़क और सुल्तान रामपुर चुंगी से बाजारों को होते हुए मलकपुर चुंगी की ओर जाने वाली सड़क, शेरसिंह राणा चौक से ब्लॉक कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क आदि सभी सड़कें नगर निगम के स्वामित्व वाली हैं। सामान्यत: इन सड़कों का रख-रखाव या तो खुद नगर निगम करता है या फिर राज्य वित्त योजना के तहत विधायक की पहल पर होता है। चूंकि नगर निगम का अपना बजट भी इतना नहीं होता और राज्य वित्त का बजट भी महज 10 करोड़ है इसलिए न केवल इन सड़कों पर केवल पैच वर्क हो पाता है या इनका टुकड़ों में ही निर्माण हो पाता है बल्कि इनका विस्तार भी नहीं हो पाता। लेकिन अगर इन सब सड़कों का स्वामित्व लोक निर्माण विभाग को दे दिया जाए तो वहां इनके विस्तार का रास्ता भी निकलता है और चौड़ीकरण का भी। दूसरी बात, जब भी सड़क का निर्माण होगा तो पूरी सड़क का निर्माण एक ही बार में होगा। ऐसा नहीं होगा कि एक हिस्सा इंटरलॉकिंग टाइल्स से बनाया जाएगा और दूसरा सी सी से जबकि तीसरे का निर्माण कोलतार से होगा। जाहिर है कि ऐसा होगा तभी जब विधायक मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। सवाल यह है कि क्या प्रदीप बत्रा ऐसा करेंगे?