पार्टी की समीना ने हासिल की नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत
एम हसीन
पीरान कलियर। कलियर नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर बसपा की समीना खातून ने बेहद प्रभावशाली जीत दर्ज कराकर यहां पार्टी का खाता खोल दिया है। 2012 में कलियर विधानसभा सीट का गठन होने के बाद यहां कांग्रेस को पहली बार हार का सामना करना पड़ा है और बसपा को पहली बार जीत हासिल हुई है। मुद्दे पर आगे बात करने से पहले जान लें कि समीना खातून लक्सर के बसपा विधायक हाजी शहजाद की बहन हैं और कभी ग्राम पंचायत रही कलियर के पूर्व प्रधान सलीम की पत्नी हैं।
कलियर विधानसभा सीट का गठन 2008 में हुए परिसीमन के तहत हुआ था। अगले साल हुए लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश रावत जीतकर निकले थे। उन्होंने बसपा के तत्कालीन बहादराबाद विधायक हाजी शहजाद को हराया था। चूंकि 2008 के परिसीमन में बहादराबाद का अस्तित्व समाप्त हो गया था इसलिए हाजी शहजाद विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कलियर आ गए थे। 2012 में कांग्रेस ने यहां हाजी फुरकान को अपना प्रत्याशी बनाया था। हाजी फुरकान ने सीधे मुकाबले में हाजी शहजाद को हरा दिया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने यहां अपनी जीत का रिकॉर्ड कायम रखा था और 2017 के चुनाव में भी हाजी फुरकान ने यह सीट दूसरी बार कांग्रेस के लिए जीती थी। उस चुनाव में भी उनके सामने हाजी शहजाद ही हारे थे। फिर 2018 के चुनाव में यहां हाजी फुरकान समर्थक सखावत निर्दलीय के रूप में इस नगर पंचायत पर जीते थे। उन्होंने सलीम प्रधान को ही हराया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में भी यहां कांग्रेस के अम्बरीष कुमार जीतकर निकले थे और 2022 में भी हाजी फुरकान ने यह सीट तीसरी बार कांग्रेस के लिए जीती थी, अलबत्ता इस चुनाव में उनके सामने हाजी शहजाद प्रत्याशी नहीं थे। 2024 में कांग्रेस के वीरेंद्र रावत ने भी यहां कांग्रेस की जीत के रिकॉर्ड को बरकरार रखा था। इस प्रकार यहां किसी और दल के लिए, खासतौर पर कांग्रेस के लिए, न हार के हालात बने थे और न ही बसपा के लिए जीत की कोई संभावना बनी थी। अब 2025 का निकाय चुनाव था और इस बार बसपा ने यहां बाजी मार ली।
दरअसल, समीना खातून के पति सलीम प्रधान यहां 2018 में महज 160 वोटों से हारे थे। इसलिए स्वाभाविक है कि उन्होंने मौजूदा चुनाव की तैयारी 5 साल पहले ही शुरू कर दी थी। रही-सही कसर इस बात ने पूरी कर दी कि 2012 से ही लगातार विधानसभा चुनाव हारते आ रहे हाजी शहजाद 2022 में लक्सर में विधायक निर्वाचित हो गए। यूं इस ग्रुप में नई ऊर्जा का संचार हुआ, निकाय चुनाव की तैयारी को नई ताकत मिली और सुधरी हुई रणनीति के तहत काम हुआ। शुरुआती दौर में चुनाव की कमान खुद सलीम प्रधान के हाथ में रही, फिर विधायक हाजी शहजाद के पुत्र अफजल शहजाद ने चुनाव अभियान की अगुवाई की और अंत में खुद हाजी शहजाद मैदान में उतर गए। उनके मैदान में आने से जैसे चुनाव में किसी और प्रत्याशी का अस्तित्व ही कायम नहीं रहा। यही कारण है जो चुनाव पिछली बार महज 2 हजार 160 वोटो पर फाइनल हो गया था उसमें इस बार बसपा प्रत्याशी को 4579 वोट मिले जबकि उनके मुकाबले चुनाव लड़े निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष शफ़क़्क़त की प्रत्याशी मुंसरीना को 3452 और कांग्रेस प्रत्याशी हाजरा बानो को 3346 वोट मिले। इस प्रकार यहां बसपा प्रत्याशी को 1 हजार 127 वोट से जीत मिली।