एच आर डी ए की हरिद्वार में चल रही कई परियोजनाएं, रुड़की क्षेत्र में केवल दो, क्या अधिकार प्राप्त करने में स्थानीय जनप्रतिनिधि ही साबित हो रहे फिसड्डी?
एम हसीन
रुड़की। उत्तराखंड छोटा सा राज्य है, इसके बावजूद यहां वाद बहुत हैं। कभी एक वाद सिर उठा लेता है तो कभी दूसरा। स्वाभाविक रूप से इसके चलते न केवल राज्य के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है बल्कि नागरिकों के बुनियादी अधिकारों का भी हनन होता है। लेकिन रुड़की क्षेत्र के संदर्भ में बड़ी विडंबनापूर्ण स्थिति उभर रही है कि यहां की जनपद स्तरीय संस्थाएं ही अपने अधिकार क्षेत्र के नागरिकों के साथ दोहरा बर्ताव करती हुई दिखाई दे रही हैं। इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण की कार्यशैली बनी हुई दिखाई दे रही है। भौगोलिक रूप से देखें तो हरिद्वार जनपद की कुल 11 विधानसभा सीटों में से 6 रुड़की क्षेत्र में आती हैं और राजनीतिक रूप से इन छह में से भाजपा के हिस्से में केवल एक आई है। यहां चार सीटों पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय का कब्जा है। हरिद्वार की पांच सीटों में भी भाजपा और कांग्रेस के पास दो-दो और एक बसपा के कब्जे में है। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में नगरीय व अर्धनगरीय क्षेत्र शामिल हैं और निजी तौर पर पूरा जिला नव-निर्माण के दौर से गुजर रहा है। जिले में हजारों नई कॉलोनियां काटी जा चुकी हैं या जा रही हैं। इसी क्रम में पूरे जिले में बहुमंजिली आवासीय सोसाइटियां और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं। पुराने भवन टूट रहे हैं और नव-निर्माण हो रहे हैं। इन सारी चीजों से हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण को अकूत धन हासिल हो रहा है। चूंकि प्राधिकरण का प्रभाव क्षेत्र पूरा जिला है इसलिए स्वाभाविक रूप से उसकी यह आय पूरे जिले से बराबर हो रही है लेकिन खर्च का हिसाब ऐसा नहीं है। अगर इक्का-दुक्का निर्माण को छोड़ दिया जाए तो प्राधिकरण की परियोजनाएं रुड़की में संचालित नहीं हो रही हैं। सच तो यह है प्राधिकरण की लगभग सारी निर्माण गतिविधियां केवल हरिद्वार नगर और हरिद्वार देहात क्षेत्र में ही जारी हैं। बाकी पूरा जिला प्राधिकरण की गतिविधियों से कोरा है।
प्राधिकरण के सूत्रों का कहना है कि सड़कों आदि का निर्माण तो प्राधिकरण सारे जिले में कर रहा है। ऐसा हो रहा हो सकता है लेकिन वह कोई दिखाई देने वाला कार्य नहीं है। सच तो यह प्राधिकरण के निर्माण संबंधी निविदा विज्ञापन जब कहीं छपे हुए दिखाई देते ही नहीं तो यह भी पता नहीं लगता कि कौन सी सड़क प्राधिकरण ने बनाई और कौन सी लोक निर्माण विभाग या नगर निगम या जिला पंचायत या क्षेत्र पंचायत या विधायक ने। बात ठोस निर्माण की है। ठोस निर्माण की हकीकत यह है कि बहादराबाद से आगे जिले के पूरे दक्षिणी भाग में दो केवल कार्य होते दिखाई दे रहे हैं जो प्राधिकरण के काम बताए जाते हैं। एक, रुड़की बस स्टैंड के पास स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और दूसरा राज्य की नारसन सीमा पर प्रवेश द्वार का निर्माण। और कोई काम कहीं होता दिखाई नहीं दे रहा है।
ऐसे में सवाल यह है कि क्या जिले की अन्य जिला स्तरीय संस्थाएं, मसलन जिला पंचायत, जिला शिक्षा विभाग, जिला उद्यान विभाग, जिला कृषि विभाग, आदि भी इसी परिपाटी पर चल रही हैं? यह शोध का विषय है और शोध इसलिए आवश्यक है क्योंकि जिला योजना में इन सही संस्थाओं को बजट प्रदान किया जाता है। हाल की जिला स्तरीय बैठक में भी किया गया है। लेकिन सवाल यह है कि यह शोध करेगा कौन? दूसरा सवाल जो प्राधिकरण के संदर्भ में किसी शोध का मोहताज नहीं है यह है कि प्राधिकरण रुड़की क्षेत्र के साथ दोहरा बर्ताव कर रहा है या रुड़की क्षेत्र के जन-प्रतिनिधि ही फिसड्डी साबित हो रहे हैं।