केंद्रीय स्वीकृति के बावजूद लोनिवि मुख्यालय और सचिवालय के बीच घूम रही है सोलानी पुल परियोजना की फाइल
एम हसीन
रुड़की। लोक निर्माण विभाग में निराशा है और विधायक के कैंप में खामोशी। पिछले दिनों सोलानी के जिस पुल के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 38 करोड रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी थी वह एक बार फिर राज्य सचिवालय में आकर अटक गया है। इस बार इसके विषय में पूछे जाने पर लोक निर्माण विभाग, निर्माण खंड के अधिकारी भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। पिछले पखवाड़े इस बाबत पूछे जाने पर अधिशासी अभियंता विपुल कुमार सैनी ने केवल इतना कहा था कि “टेंडरिंग जल्द ही कर दी जाएगी।” लेकिन अभी तक हुआ कुछ नहीं है। केंद्रीय स्वीकृति मिलने के बाद ज़ोर-शोर से साइट विजिट करने और मई में टेंडरिंग कर दिए जाने की घोषणा करने वाले नगर विधायक भी अब इसे लेकर कुछ बोल नहीं रहे हैं।
रुड़की-हरिद्वार को जोड़ने वाले मार्ग पर रुड़की के उत्तरी छोर पर स्थित सोलानी नदी का पुराना पुल दो साल पहले कमजोर हो जाने के कारण भारी यातायात के लिए बंद कर दिया था। अब इस पर केवल हल्के चार पहिया वाहन ही यात्रा कर पा रहे हैं। रोडवेज और स्कूल की बसों समेत तमाम बड़े वाहनों को नदी के एक छोर से दूसरे छोर पर जाने के लिए 15 किलोमीटर से अधिक का चक्कर लगाकर आना पड़ रहा है। पिछले दो वर्षों में इस पुल के निर्माण को लेकर विधानसभा के भीतर और बाहर खासी कवायद होती रही है। नए पुल के निर्माण का सवाल कांग्रेस के कलियर विधायक हाजी फुरकान अहमद ने विधानसभा में उठाया था तो सत्तारूढ़ भाजपा के रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा ने भी बार-बार उठाया था। कांग्रेस के महानगर संगठन ने कई बार इसे लेकर प्रदर्शन किया था तो कई अन्य सामाजिक संगठनों ने भी यही मांग उठाई थी। इसी क्रम में लोक निर्माण विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा था जिस पर कार्यवाही भी हुई थी। पुल का डिजाइन बना था और कई बार संशोधित होकर अंत में स्वीकार हुआ था तो वित्त का मामला फंस गया था।
अंत में प्रस्ताव को वित्त की आशा में केंद्र को भेजा गया था। फरवरी में बजट प्रस्तुत करने के बाद केंद्र ने पुल के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी थी। मार्च में यह जानकारी खुद नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने प्रेस के साथ साझा की थी और पुल की साइट पर जाकर हालात को भी देखा था। उन्होंने यह दावा भी किया था कि मई के महीने में पुल की टेंडरिंग हो जाएगी और पुल का निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। लेकिन मई गुजर जाने को है और पुल को लेकर लोक निर्माण विभाग में कोई सरगर्मी नहीं है। बहुत कुरेदने पर विभागीय सूत्र केवल इतना बोलते हैं कि “पुल के डिजाइन की समीक्षा की जा रही है जो कि जल्द ही पूरी हो जायेगी और टेंडरिंग हो जाएगी।” क्या मई में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी? इस पर विभाग में चुप्पी है। प्रदीप बत्रा भी जब हाल ही में अपने क्षेत्र की उल्लब्धियों का उल्लेख कर रहे थे तो उन्होंने बायपास हाइवे के निर्माण का उल्लेख तो किया लेकिन इस पुल का कोई जिक्र नहीं किया।