शिवालिक नगर, लक्सर, भगवानपुर व झबरेड़ा ही जीत पाई थी पिछली बार पार्टी
एम हसीन
रुड़की। हरिद्वार जनपद में स्थानीय निकाय की स्थिति पर गौर करें तो यहां दो, हरिद्वार व रुड़की निगम हैं तथा तीन, मंगलौर, शिवालिक नगर और लक्सर नगर पालिकाएं हैं। लंढौरा और झबरेड़ा पुरानी नगर पंचायतें हैं जहां दशकों से चुनाव होते आ रहे हैं। इसके अलावा भगवानपुर व कलियर नगर पंचायतें ऐसी हैं जहां एक बार चुनाव हुआ है। रामपुर, पाडली, इमलीखेड़ा, ढढेरा व सुल्तानपुर बिलकुल नई नगर पंचायतें हैं जिनका गठन पिछले निकाय चुनाव के बाद हुआ। जाहिर है कि अगर सूबे में अगले कुछ महीनों में चुनाव हुआ तो इन सभी में भी निर्वाचित बोर्ड आयेंगे। तब सवाल यह होगा कि भाजपा को इनमें क्या मिलेगा?
अगर पिछली बार की बात करें तो हरिद्वार निगम में कांग्रेस की अनीता शर्मा मेयर बनी थी और रुड़की में रुड़की में निर्दलीय गौरव गोयल। शिवालिक नगर में भाजपा के राजीव शर्मा व लक्सर में भाजपा के ही अंबरीश गर्ग नगर पालिका अध्यक्ष बने थे। मंगलौर में बसपा के हाजी दिलशाद नगर पालिका अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। लंढौरा नगर पचायत में निर्दलीय शहजाद खान व कलियर नगर पंचायत में भी निर्दलीय सखावत अली जीते थे। इस क्रम में भगवानपुर नगर पंचायत में भाजपा की सहती देवी व झबरेड़ा नगर पंचायत में भाजपा के ही मानवेंद्र सिंह नगर पंचायत अध्यक्ष बने थे।
अगर उम्मीद करें कि 2024 में चुनाव होंगे तो हरिद्वार नगर निगम मामले में इस भी भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होना तय है। भाजपा सूबे की सत्ता में है और यह माना जाता है कि निकाय स्थानीय चुनाव होता है जहां सरकार का प्रभाव काम करता ही है। फिर हाल के लोकसभा चुनाव में यहां के मतदाता ने भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत को 40 हजार वोटों के अंतर से जीत देकर यह दिखाया है कि यहां भाजपा का विरोध नहीं है। बहरहाल, पिछली बार निगम का राजकाज संभाल चुकी कांग्रेस का हौसला इस बात से तो बढ़ता ही है कि वह हरिद्वार में निकाय चुनाव हारती है तो जीतती भी है। पार्टी अपनी संभावनाओं को और अधिक निर्णायक बनाने के लिए पॉड टैक्सी और कॉरिडोर मामलों को भी लगातार गरमा रही है। इस मामले में हालांकि प्रदेश सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट और आक्रामक दिख रहा है, लेकिन हरिद्वार की भाजपा राजनीति, खासतौर पर विधायक मदन कौशिक, इस मामले में सुरक्षात्मक दिखाई दे रहे हैं। उन्हें लगता है कि निकाय चुनाव में यह मामला पार्टी पर भारी पड़ सकता है। हरिद्वार भाजपा की इस मामले में चिंता तो इसी बात से जाहिर है कि पिछले दिनों मदन कौशिक ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंटकर हरिद्वार के लोगों के लोगों के लिए यह आश्वासन हासिल किया कि इस मामले में सभी स्टेक होल्डर्स के हितों के अनुरूप ही कार्य किया जाएगा। इसके बावजूद कांग्रेस के हौसले पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है। पार्टी लगातार आक्रामक है जो इस बात का इशारा है कि उसे जन समर्थन मिल रहा है। अर्थात हरिद्वार नगर निगम की राजनीति में भाजपा के लिए संघर्ष के हालात रहने वाले हैं।