रपटों के औचित्य पर भी प्रकाश डाल देते प्रदीप बत्रा
लोक निर्माण विभाग की खामोशी पर भी उठ रहे सवाल
एम हसीन
रुड़की। सोलानी पुल पर बनाए गए रपटे को लेकर लगातार उठ रहे सवालों पर आज नगर विधायक प्रदीप बत्रा ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने इस आरोप को गलत बताया कि 93 लाख रुपए की लागत से रपटा बना। उन्होंने एस्टीमेट से लेकर स्वीकृत धनराशि और ठेकेदार के साथ किए गए अनुबंध का पूरा उल्लेख किया। साथ ही यह भी बताया कि ठेकेदार को मात्र 13 लाख रुपए का भुगतान किया गया है और अनुबंध की राशि का शेष भाग विभाग के खाते में सुरक्षित है जो काम पूरा होने के बाद किया जायेगा। हो सकता है कि लोक निर्माण विभाग ने जो दस्तावेज नगर विधायक को इस बाबत सौंपे उनकी सच्चाई यही हो। लेकिन निवर्तमान मेयर गौरव गोयल का भी यह दावा था कि उन्होंने लोक निर्माण विभाग से “सूचना का अधिकार” के तहत जो जानकारी हासिल की है उसके मुताबिक रपटे के निर्माण पर 93 लाख रुपए खर्च हुए हैं। अब इसका जवाब तो स्वाभाविक रूप से जांच के बाद ही सामने आएगा कि लोक निर्माण विभाग ने नगर विधायक को गलत आंकड़े दिए या निवर्तमान मेयर को! इस पर लोक निर्माण विभाग की चुप्पी ने अब रहस्यमयी रूप धारण कर लिया है।
बहरहाल, बात केवल एक रपटे की नहीं है। लोक निर्माण विभाग सोलानी नदी का पुल कमज़ोर घोषित हो जाने के बाद एक किलोमीटर के दायरे में महज दो साल में दो रपटे बना चुका है। पहला रपटा पठानपुरा मुहल्ले की ओर बनाया गया था जो बीते साल पहली ही बारिश में मुकम्मल तौर पर बह गया था। दूसरा रपटा आदर्श नगर की ओर इसी साल बना था जिसे लेकर उपरोक्त विवाद जारी है। अहमियत इस बात की है जब प्रदीप बत्रा आदर्श नगर साइड वाले रपटे की बाबत विज्ञप्ति जारी कर रहे थे और साक्षात्कार दे रहे थे तो दूसरे रपटे की बाबत भी कुछ उचर देते। साथ ही यह भी बता देते कि रपटे क्या रेगुलर पुल का विकल्प हो सकते हैं? वे यह भी बता देते कि रपटों के निर्माण का औचित्य क्या था? उनकी आवश्यकता क्या थी? यह भी बता देते कि लोक निर्माण विभाग रपटों के तो एस्टीमेट भेज रहा है, पुल का एस्टीमेट नहीं भेज रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है? दरअसल, प्रदीप बत्रा प्रेस कांफ्रेंस नहीं करते, जहां उनसे एक ही बार में ये सारे सवाल पूछे जा सकें। वे विज्ञप्ति जारी करते हैं और जितना अरूरी समझते हैं, उतना लिख देते हैं। वैसे आवश्यकता इस बात की है कि सारे विवाद पर अब लोक निर्माण विभाग अपनी चुप्पी तोड़े और भले ही नगर विधायक के माध्यम से करे, दोनों रपटों और कमज़ोर पुल के विषय में पूरी जानकारी जनता के साथ साझा करे।